Saturday, September 4, 2021

क्रिप्टो में निवेश के नाम पर 50 करोड़ ठगे

 क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 50 करोड़ ठगे


सार

अमेरिका में बैठे मास्टरमाइंड ने पहले ट्विटर पर कोर्स का विज्ञापन निकाला और फिर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा दिया।




विस्तार

ऑनलाइन गेम के बाद अब ट्रेडिंग का कोर्स सिखाकर नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के लोगों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। अमेरिका में बैठे मास्टरमाइंड ने पहले ट्विटर पर कोर्स का विज्ञापन निकाला और फिर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा दिया। अंत में एप बनाकर ठग लिया। ठगी का शिकार हुएपीड़ित की तहरीर पर विजयनगर पुलिस ने ठग कंपनी केसीईओ, उसके डायरेक्टर पिता, पार्टनर और मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।


अकबरपुर बहरामपुर निवासी विनीत का कहना है कि उन्होंने दिसंबर 2020 में ट्विटर पर एक विज्ञापन देखा था। इसमें स्क्वीक्स टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 500 लोगों को विदेशी मुद्रा प्रशिक्षण और नौकरी की पेशकश की गई। बहमती बास गांधीनगर, गुजरात निवासी नील उर्फ हितेष पटेल कंपनी का सीईओ था। उसने ट्रेडिंग के कोर्स के दो प्लान बताए। 500 रुपये के प्लान में सिर्फ ट्रेडिंग की ट्रेनिंग देने तथा 45 हजार के प्लान में ट्रेनिंग के साथ-साथ 50 हजार प्रतिमाह सैलरी की नौकरी दिलाने की गारंटी भी दी गई। टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर 220 लोगों से पाठ्यक्रम शुल्क के तौर पर 45-45 हजार रुपये लिए गए। तीन माह के पाठ्यक्रम के बाद दो साल के लिए लोगों को काम पर रखने और उन्हें अपने अमेरिकी ग्राहकों द्वारा भी नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया।



ट्रेनिंग के बाद क्रिप्टो में निवेश का झांसा

ट्रेनिंग के अंत में कई छात्रों को कंपनी के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी और इथेरियम में निवेश करने को कहा गया। लोगों ने ई-ज्ञान पोर्टल से क्रिप्टो करेंसी खरीदनी शुरू की। इसके लिए स्क्वीक्स कंपनी के खाते में पैसा जमा कराया गया। इस तरह ग्रुप के 220 लोगों से 10 करोड़ से भी अधिक की ठगी की गई। ऐसे की कई ग्रुप नील उर्फ हितेष पटेल द्वारा चलाए जा रहे थे। यह रकम अब करीब 50 करोड़ से अधिक बैठती है। पीड़ित विनीत का कहना है कि उससे करीब छह लाख रुपये की ठगी हुई।


शुक्र-शनि को ट्रेनिंग, रविवार को कमाई का तरीका बताता था

पीड़ित के मुताबिक, कोर्स के लिए एप्लाई करने वाले लोगों को सरगना ऑनलाइन ट्रेनिंग देता था। टेलीग्राम ग्रुप के साथ-साथ यूट्यूब के जरिये उन्हें ट्रेडिंग सिखाई जाती। सरगना शुक्रवार व शनिवार को ट्रेनिंग देता था और रविवार को पैसे दोगुने व तिगुने करने के तरीके बताता था। वह तरह-तरह की लुभावनी बातें करके ग्रुप से जुड़े लोगों को लालच के जाल में फंसाता था।


एक ही महीने में चार गुना हो गए पैसे

नील उर्फ हितेष पटेल ने ग्रुप से जुड़े लोगों से पैसे निवेश कराने के लिए (द बुल रन) एप बनाई। उसने कहा था कि जिस व्यक्ति का जो मुनाफा होगा, वह एप के जरिये उसके खाते में डाल दिया जाएगा। लोगों को जोड़ने के लिए उसने टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया। पीड़ितों के मुताबिक जिस व्यक्ति ने 600 डॉलर के हिसाब से रुपये ट्रांसफर किए, वह एक महीने में ही एप में चार गुना से भी अधिक यानी 2900 डॉलर शो होने लगे।


नारद-पे एप लांच कर निकाली स्कीम

ग्रुप के सदस्यों से अधिक से अधिक रकम ऐंठने का नील उर्फ हितेश पटेल ने नारद-पे एप लांच किया और 30 हजार रुपये की स्कीम निकाली। इसके तहत 30 हजार रुपये निवेश करने पर एक लाख 80 रुपये देने का दावा किया था। इस पैसे से सिर्फ मोबाइल, डीटीएच व फास्टेग रीचार्ज या फिर बिजली, पानी और गैस का बिल ही जमा हो सकता है।


निवेश बढ़ते ही ब्लॉक कर दिए अकाउंट

पीड़ितों का कहना है कि द बुल रन एप और नारद-पे एप का कंट्रोल नील उर्फ हितेश पटेल के हाथ में ही था। जैसे ही ग्रुप के सदस्यों का निवेश बढ़ा तो उसने उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया। नारद-पे एप के जरिये निकाली गई स्कीम भी एक महीने बाद बंद हो गई। इतना ही नहीं, आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप भी छोड़ दिया।


सरगना का पिता कंपनी में डायरेक्टर, हरियाणा में दर्ज हो चुका केस

टेलीग्राम के एक ग्रुप में गुप्ता कॉलोनी जींद निवासी श्रीकांत एडमिन था। ग्रुप के लोगों के पैसे न मिलने पर श्रीकांत ने विरोध करना शुरू किया था, जिसके बाद सरगना ग्रुप छोड़ दिया। कंपनी में नील का पिता गोरधन भाई पटेल डायरेक्टर है। श्रीकांत ने जींद के सिटी थाने में सीईओ नील उर्फ हितेश पटेल, उसके पिता गोरधन भाई पटेल, पार्टनर अकलेश जोशी व मैनेजर नौबत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया।


डायरेक्टर पिता ने पैसे लौटाने का वादा किया, बाद में फरार हो गया

विनीत का कहना है कि कुछ पीड़ित एक अगस्त को गुजरात में नील के घर गए थे। वहां उसका डायरेक्टर पिता गोरधनभाई पटेल मिला था। सरपंच व पुलिस की मौजूदगी में पंचायत हुई, जिनमें गोरधन ने 15 अगस्त तक पैसे लौटाने की बात कही थी। तिथि बीतने के बाद संपर्क किया तो पता चला कि नील ने अपने पिता को भी फरार कर दिया है।


सीईओ समेत चार पर दर्ज की रिपोर्ट

ट्रेडिंग के कोर्स, नौकरी व क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी के आरोप में कंपनी के सीईओ, डायरेक्टर समेत चार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। गिरोह की कुंडली खंगाली जा रही है। बड़े पैमाने पर ठगी का धंधा चल रहा था। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

- निपुण अग्रवाल, एसपी सिटी

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